आपराधिक घटनाओं के बाद भी कनाडा सरकार ने नहीं की निज्जर पर कार्रवाई! विवाद के बीच सामने आ रहा बड़ा दावा…

India Canada Row: भारत और कनाडा के बीच तेजी से तल्ख होते रिश्ते और उलझते जा रहे हैं. दरअसल, भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है. जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ है. इधर सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके उत्तरी अमेरिकी देश पहुंचा और कनाडा ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जबकि उसे यह बताया गया था कि वह हत्या और अन्य आतंकवादी मामलों समेत 12 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है.

 सूत्रों के मुताबिक, अलगाववादी नेता निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी. वह 1997 में रवि शर्मा के नाम से फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके कनाडा गया था. सूत्रों ने बताया कि उसने यह दावा करते हुए कनाडा में शरण के लिए आवेदन किया था कि उसे भारत में उत्पीड़न का डर है क्योंकि वह ‘एक विशेष सामाजिक समूह’ से हैं. निज्जर के इस आवेदन को हालांकि अस्वीकार कर दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि उसका दावा खारिज होने के ग्यारह दिन बाद, उसने एक महिला के साथ ‘‘विवाह’’किया, जिसने उसके अप्रवासन में मदद की थी. इस आवेदन को कनाडा में आव्रजन अधिकारियों ने भी खारिज कर दिया था. निज्जर ने इसके खिलाफ कनाडा की अदालतों में अपील की, हालांकि वह खुद को कनाडा का नागरिक होने का दावा करता रहा.

बाद में उसे कनाडाई नागरिकता प्रदान की गई, जिसकी परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं. नवंबर 2014 में उसके खिलाफ ‘इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस’ (आरसीएन) जारी किया गया था. सूत्रों ने बताया कि निज्जर के खिलाफ भारत में हत्या और अन्य आतंकवादी गतिविधियों के 12 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे. सूत्रों ने बताया कि मामलों का विवरण कनाडाई अधिकारियों के साथ साझा किया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, आरसीएन के बावजूद कनाडाई अधिकारियों ने उसे उड़ान निषिद्ध सूची में डालने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की. जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ.

भारत ने आरोपों को बताया बेतुका

इधर, भारत ने इन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए इसे खारिज कर दिया था और इस मामले को लेकर कनाडा की ओर से एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. भारत ने बुधवार को और कड़ा रुख अपनाते हुए कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए वहां रह रहे अपने नागरिकों और वहां की यात्रा का विचार कर रहे अपने नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने का परामर्श जारी किया था. भारत ने कनाडा स्थित अपने उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों के समक्ष उत्पन्न सुरक्षा खतरों के मद्देनजर कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने पर अस्थायी रूप से रोक लगाने की बृहस्पतिवार को घोषणा की थी.

कनाडा के साथ विवाद के समाधान के लिए गहन राजनयिक संपर्क स्थापित किया जाए: कांग्रेस

वहीं, भारत और कनाडा के बीच तल्ख होते रिश्ते के बीच कांग्रेस ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं होना चाहिए और सरकार को वहां रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस गंभीर संकट को हल करने के लिए गहन राजनयिक संपर्क स्थापित किया जाना चाहिए. रमेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कनाडा में पढ़ने और काम करने वाले हजारों भारतीय छात्रों और पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस इस बात को दोहराती है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में कोई समझौता नहीं होना चाहिए, खासकर तब जब आतंकवाद से भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरा हो. 

भाषा इनपुट से साभार

IndiaCanadaHindi NewsPublished Date

Sat, Sep 23, 2023, 7: 27 AM IST

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