नर्सिंग घोटाला: कांग्रेस शासन में पंजीकृत कॉलेज भी जांच के दायरे में, BJP बोली-453 कॉलेजों को दी थी मान्यता

एमपी विधानसभा का मानसून सत्र 1 जुलाई से – फोटो : अमर उजाला

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विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने नर्सिंग घोटाले पर भाजपा सरकार को घेरने की तैयारी की है। इस मामले में अब भाजपा भी कांग्रेस पर पलटवार को तैयार हो गई है। कांग्रेस पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में चिकित्सा मंत्री रहे विश्वास सारंग की भूमिका पर सवाल उठा रही है। इस बीच, भाजपा ने कांग्रेस की 15 माह की कमलनाथ सरकार में नर्सिंग कॉलेजों को बड़ी संख्या में मान्यता देने का मुद्दा उठा दिया है। प्रदेश में 2019 से 2020 के बीच कांग्रेस सरकार में विजयलक्ष्मी साधौ चिकित्सा मंत्री थीं। भाजपा ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल के दौरान करीब 453 कॉलेजों को मान्यता दी गई थी। इनकी भी जांच होगी।

कमलनाथ सरकार में हुआ घोटाला

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि कमलनाथ सरकार में नर्सिंग घोटाला हुआ और स्वयं कमलनथ भी कटघरे में हैं। उन्होंने कहा कि तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के कार्यकाल में बिना निरीक्षण व अवलोकन के 455 में से 453 कॉलेजों को मान्यता दी गई। इसमें से 403 नर्सिंग कॉलेजों को तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मान्यता दिलाई। उन्होंने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि क्या इतने कॉलेज मापदंडों में खरे उतर रहे थे? इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का आंदोलन तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के खिलाफ भी होगा।

एक जुलाई को प्रदेश में आंदोलन की तैयारी

कांग्रेस ने एक जुलाई को नर्सिंग घोटाले को लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन और धरना प्रदर्शन करने की बात कही है। कांग्रेस की रणनीति विधानसभा सत्र की शुरुआत के ही दिन से नर्सिंग घोटाले पर भाजपा सरकार को घेरने की है। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी वॉट्सअप नंबर और ई-मेल जारी कर जनता से नर्सिंग घोटाले को लेकर सबूत मांगे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में है।


सीबीआई जांच में भी घोटाला

नर्सिंग कॉलेज के घोटाले की जांच में भी कई मोड़ आए हैं। इस मामल में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। इसमें कोर्ट ने मान्यता के अनुसार उपयुक्त, अनुपयुक्त कॉलेजों की पहचान करने के लिए कहा था। कॉलेजों की उपयुक्तता जांच में सीबीआई ने पाया कि उसके अधिकारी ही कॉलेजों से रिश्वत लेकर उपयुक्त रिपोर्ट दे रहे हैं। इस मामले में सीबीआई के अधिकारियों समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया।


सरकार ने दो पूर्व रजिस्ट्रार को बर्खास्त किया

नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में हर स्तर पर गड़बड़ी की गई। कागजों और एक कमरे में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को भी मान्यता दे दी गई। इस मामले में नर्सिंग कॉलेज स्टाफ, राजस्व अधिकारी समेत सीबीआई के अधिकारियों पर सवाल खड़े हुए। सरकार ने मामले में सख्ती दिखाई। इसमें दो पूर्व रजिस्ट्रार को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, जांच में शामिल कई मेडिकल विभाग से संबंधित शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है।

कब कितने कॉलेजों को दी मान्यता

वर्ष 2018-19 में 385 नर्सिंग कॉलेज रजिस्टर और री-रजिस्टर हुए। इसके बाद 2019-20 में 64 नए कॉलेज पंजीकृत हुए। इसके बाद कुल पंजीकृत नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढ़कर 449 पर पहुंची। इस दौरान कांग्रेस की विजयलक्ष्मी साधौ चिकित्सा शिक्षा मंत्री थीं। इसके बाद 2020-21 में 215 नए कॉलेज रजिस्टर हुए। इस दौरान भाजपा की सरकार में विश्वास सारंग चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। इसके साथ ही कुल पंजीकृत नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बढ़कर 667 तक पहुंच गई।

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