भारत-कनाडा के बीच विवाद से दोनों किस देश को होगा नुकसान? विशेषज्ञों की क्या है राय

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय आप्रवासियों के आवाजाही में कमी से व्यापार संबंधों में गिरावट और अधिक विनाशकारी हो सकती है. कनाडा में कुल प्रवासियों में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय मूल के लोगों की है.’’ डेलगाडो ने कहा, ‘‘भारत के साथ संबंधों में गिरावट से कनाडा की हिंद-प्रशांत संस्थानों में शामिल होने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, क्योंकि क्षेत्रीय सहयोगी मोदी सरकार को नाराज करने से बचेंगे क्योंकि भारत स्वयं कुछ समूहों में कनाडा की सदस्यता को रोक सकता है. ओटावा इस क्षेत्र में नयी दिल्ली के प्रभाव और शक्ति से अवगत है.’’

You can share this post!

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related News