सिस्टम की मार से पत्रकार की मौत! नरसिंहगढ़ में पत्रकार की मौत, पत्नी का आरोप- एसडीएम के धमकी भरे पत्र से हुए ब्रेन हेमरेज का शिकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: अरविंद कुमार Updated Fri, 22 Sep 2023 05: 37 PM IST

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मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में पत्रकार योगेश मैथिल (45) की ब्रेन हैमरेज से बुधवार रात राजधानी भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक की पत्नी रिचा मैथित ने नरसिंहगढ़ एसडीएम अंशुमन राज को अपने पति की मौत के लिए जिम्मेदार बताया है। पत्रकार योगेश मैथिल – फोटो : अमर उजाला

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राजगढ़ के नरसिंहगढ़ नगर में पत्रकार की भूमिका निभाने वाले योगेश मैथिल की ब्रेन हैमरेज के कारण बुधवार रात भोपाल के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई। उनकी पत्नी ने एसडीएम अंशुमन राज को उनकी मौत का जिम्मेदार बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, एसडीएम का कहना है कि छात्रावास की नाबालिग बालिकाओं ने उनके विरुद्ध अभद्र व्यवहार की शिकायत की थी, जिसको लेकर ही उन्हें पॉस्को एक्ट में कार्रवाई करने को लेकर नोटिस जारी किया था।

पत्रकार की मौत के बाद जिले के पत्रकारों ने कलेक्टर से मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की है, जिस पर कलेक्टर द्वारा दोबारा परीक्षण के लिए आश्वस्त किया गया है। दरअसल मामला यह है कि राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में निवास करने वाले पत्रकार योगेश की पत्नी रिचा मैथिल बालिका छात्रावास की अधीक्षिका हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि 23 अगस्त को नरसिंहगढ़ एसडीएम अंशुमन राज ने पत्रकार योगेश मैथिल पर पॉस्को एक्ट में कार्रवाई करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

नोटिस में लिखा गया था कि प्रशासन की टीम ने 24 अगस्त को छात्रावास का निरीक्षण किया था, जिसमें वंहा की छात्राओं ने पत्रकार योगेश मैथिल पर अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगाए थे, जिसके संबंध में पत्रकार को नोटिस जारी करते हुए उनकी पत्नी को छात्रावास की अधीक्षिका पद से भी हटाया गया था।

वहीं, मामले में मृतक योगेश मैथिल की पत्नी का कहना है कि मेरे पति को एसडीएम ने नोटिस देकर पॉस्को एक्ट लगाने की बात कही थी। इसके बाद से ही मेरे पति सदमे में थे और उनकी तबियत बिगड़ गई थी। बुधवार शाम को उनकी भोपाल के निजी अस्पताल मौत हो गई और इस वजह से ही उनकी जान चली गई।

साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि योगेश की मौत के बाद से ही उनकी पत्नी भी सदमे में है। मृतक योगेश की पत्नी रिचा ने बताया कि नरसिंहगढ़ एसडीएम ने मुझे सस्पेंड कर दिया और मेरे पति पर पॉक्सो एक्ट लगाने की बात कही थी। एसडीएम ने मेरे पति पर गंदे आरोप लगाए, मुझे भी मामले में फंसाने की बात कही थी। पति बार-बार कह रहे थे कि मेरी इतनी अच्छी छवि थी, जिसे एसडीएम ने बिगाड़ दी। मैंने उनसे कहा कि नरसिंहगढ़ के लोग आपको पहचानते हैं कि आप इस तरह के नहीं हैं। लेकिन एसडीएम की बात उनके दिमाग में घर कर गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

वहीं, इस मामले में नरसिंहगढ़ एसडीएम अंशुमन राज का कहना है कि छात्रावास की छात्राएं जहां पढ़ने जाती हैं, वहां के हमारे एक शिक्षक के जरिए हमें बताया गया था कि छात्रावास की बालिकाएं आपसे मिलना चाहती हैं, उन्हें कुछ शिकायत है। इसको लेकर मैं और हमारे कुछ अधिकारी छात्रावास में बच्चियों से मिलने पहुंचे थे। जंहा कुछ छात्राओं ने योगेश मैथिल पर गंभीर आरोप लगाए थे, जो की पॉक्सो एक्ट की श्रेणी में आते हैं, जिसको लेकर हमने CWC को लिखा था। उसके बाद CWC ने छात्राओं के कथन भी लिए थे। इसके बाद हमने योगेश मैथिल का पक्ष जानने के लिए उन्हें नोटिस देकर उनका जबाव मांगा था। इसके बाद से ही उनकी तबियत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उनकी दुखद मौत हो गई। उनकी मौत का दुख हमें भी है, लेकिन उन पर गंभीर आरोप लगे थे।

गुरुवार को जिले के पत्रकारों के द्वारा मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित से मुलाकात की गई और उन्हें राज्यपाल, चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही एसडीएम को हटाने की मांग भी की गई, जिसको लेकर कलेक्टर हर्ष दीक्षित ने आश्वस्त किया कि छात्राओं से प्राप्त शिकायतों का दोबारा परीक्षण करा लिया जाएगा।

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