न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: रवींद्र भजनी Updated Tue, 29 Nov 2022 06: 28 PM IST
सार
उज्जैन में राहुल गांधी ने तपस्या और तपस्वियों का महत्व समझाया। जय महाकाल से शुरू हुए और आरोप लगाया कि सरकार तपस्या करने वालों का अपमान करती है। उज्जैन में संबोधित करते हुए राहुल गांधी। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार और मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर जोरदार हमले किए। उज्जैन में उनका भाषण जय महाकाल से शुरू हुआ और इसके बाद तो वे धाराप्रवाह सिर्फ तपस्या पर ही बोले। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में शिव जी, भगवान राम, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा इसलिए होती है कि वे तपस्वी थे। वहीं, मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की सरकार तपस्वियों का अपमान करती है।
जय महाकाल से शुरू किया राहुल ने भाषण
राहुल ने अपना भाषण जय महाकाल का नारा लगवाकर किया। उन्होंने कहा कि करीब 80 दिन हो गए। भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर जा रही है। आज हम आपके इस पवित्र शहर में आए। हम सबने बाबा महाकाल के दर्शन लिए। बहुत अच्छा लगा। आपके शहर में महाकाल मंदिर है। यह शिव जी का मंदिर है। आज हिंदुस्तान भगवान शिव को मानता है तो क्यों मानता है? वे संसार के सबसे बड़े तपस्वी थे, इस वजह से हिंदुस्तान उन्हें मानता है। इसी तरह भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण भी तपस्वी थे। हिंदू धर्म के किसी भी भगवान को देखिए, सभी ने तपस्या की है। सही या गलत? सिर्फ भगवान तपस्या नहीं करते, हिंदुस्तान तपस्वियों का देश है।
हम तपस्वियों का आदर करते हैं
राहुल ने कहा कि हम तपस्वियों का आदर करते हैं। उनके सामने हाथ जोड़ते हैं। इस देश में यह तपस्वी कौन है? आपने कहा कि मैंने कन्याकुमारी से यात्रा की। बहुत बड़ी तपस्या की। यह कोई बड़ी तपस्या नहीं है। इसमें कुछ नहीं है। मैं तो आपको बताता हूं कि हिंदुस्तान में तपस्या कौन करता है। कोविड के समय जो मजदूर बेंगलुरू, मुंबई, चेन्नई या पंजाब से देश के एक कोने से दूसरे कोने गए, वह तपस्या करते हैं। इस देश के करोड़ों किसान, उनके परिवार हर रोज तपस्या करते हैं। बढ़ई नाई, माली, इलेक्ट्रिशियन, छोटे दुकानदार, मजदूर.. ये सब रोज तपस्या करते हैं। जिंदगीभर करते हैं। तपस्या करते-करते मर जाते हैं।
मेरी तपस्या तो कुछ भी नहीं है
राहुल ने कहा कि मेरी तपस्या तो कुछ नहीं है। यह तो तीन महीने की तपस्या है। पांच-छह घंटे। आठ घंटे लगा लो। थोड़ा घुटने में दर्द होता है। थोड़ा प्यास लगती है। यह तपस्या नहीं है। तपस्या किसान, मजदूर करता है। मेरा सवाल है – हिंदू धर्म कहता है कि तपस्वियों की पूजा होनी चाहिए। इस देश में तपस्वियों की पूजा क्यों नहीं हो रही है? जो तपस्या कर रहा है, उसे इस देश की सरकार कुछ नहीं देती। दो-चार लोग नरेंद्र मोदी जी की पूजा करते हैं, उन्हें सारा लाभ मिल जाता है। रेलवे, पोर्ट, एयरपोर्ट… सब दे दिया। यहां जो ड्रोन उड़ रहा है, यह भी ले जाएंगे उठाकर। सड़कें, बिजली, पानी, सब कुछ उनके पास है। चार-पांच लोग प्रधानमंत्री की पूजा करते हैं और हिंदुस्तान का पूरा धन उनके हवाले कर दिया जाता है।
किसान का दर्द उसके हाथ में होता है
राहुल ने कहा कि किसान सुबह चार बजे उठता है। हाथ फट जाता है। खून निकलता है। मैं दो हजार किमी चल रहा हूं। हाथ मिलाया है। किसान के हाथ फटे होते हैं। उसका दर्द, उसके हाथ में होता है। उसकी तपस्या के निशान उसके हाथ में होते हैं। इन सड़कों पर हजारों किसानों से मैंने हाथ मिलाया है। हर किसान पूछ रहा है कि राहुल जी इस देश में हम तपस्या करते हैं, इस तपस्या का हमें फल क्यों नहीं मिलता? फर्टिलाइजर क्यों नहीं मिलता और जब मिलता है तो यह इतना महंगा क्यों है? हमें हमारी मेहनत का सही दाम क्यों नहीं मिलता। हम बीमा का पैसा भरते हैं, तूफान आता है, आंधी आती है, खेत बर्बाद हो जाता है, रोना आता है। हम बीमा कंपनी को फोन करते हैं तो कोई फोन नहीं उठाता। इंटरनेट पर सब कुछ मिल जाता है, लेकिन किसान को जो बीमा देने वाली कंपनी होती है, उसका एड्रेस नहीं मिलता। फिर कहते हैं कि राहुल जी, पेट्रोल 60 रुपये का था। आज 107 रुपये का है। हर रोज हमारी जेब में से पैसा निकलता है। राहुल जी, हम तपस्वी हैं। यह सारा का सारा पैसा उन तीन-चार पूजा करने वालों के हवाले क्यों जा रहा है?
सरकार नहीं देती तपस्या करने वालो को फल
राहुल ने कहा कि गीता में लिखा है कि तपस्या करनी चाहिए। फल नहीं देखना चाहिए। मगर हिंदुस्तान की सरकार का काम जो तपस्या करता है, उसे फल देने का है। मैंने किसानों की बात की। सिर्फ वो तपस्या नहीं करते। इन्हीं सड़कों पर मैं हर रोज युवाओं से मिलता हूं। पढ़ाई की है। स्कूल गए। बदमाशी की तो दो-तीन थप्पड़ भी लगे हैं। तपस्या करने के बाद पता लगता है कि व्यापमं स्कैम हो गया है। तपस्वियों से चोरी हो गई। छोटे-छोटे तपस्वियों से स्टेट की सरकार चोरी करती है। उनका भविष्य खत्म कर दिया। आज बच्चों ने मुझसे कहा कि इंजीनियर बनना चाहते हैं। क्या तपस्या की? पढ़ाई की। इंजीनियरिंग डिग्री ली। पिता किसान है, उन्होंने भी तपस्या की। मेरी मां रोज खाना बनाती है। उनकी भी तपस्या है। मेरी दादी की भी तपस्या है। डिग्री मिली तो क्या हुआ? चुप हो जाते हैं। इस देश में तपस्या का फल नहीं मिल सकता। तपस्या का फल मजदूरी है। हिंदुस्तान और मध्यप्रदेश की सरकार ने यह दिया है। आजकल तो पकौड़े भी नहीं चल रहे हैं।
महाकाल से तपस्या सीखा है, यही बात करूंगा
राहुल ने कहा कि अब छोटे दुकानदारों की बात करते हैं। स्मॉल और मीडियम बिजनेस है। मैं महाकाल गया हूं तो तपस्या की बात करनी है। उन्हीं से सीखा हूं मैं। छोटा दुकानदार सुबह उठता है। उसके साथ दो-तीन लोग काम करते हैं। दिनभर काम करता है। कभी-कभी किसी को पैसे की जरूरत होती है तो वह भी दे देता है। उसके पास इतना पैसा नहीं होता जितना बड़े उद्योगपतियों के पास होता है। बड़े उद्योगपतियों का कैश फ्लो रुक जाए तो उन्हें कोई मुश्किल नहीं होती। कोरोना के समय हुआ भी। एक साल तक कैश फ्लो रोक लिया तो भी उन्हें कोई समस्या नहीं है। इन बेचारों का कैश फ्लो 15-20 दिन रोक लिया तो इनका गला घोंट दिया, ऐसा लगेगा। दो महीने कर दिया तो इन्हें मार दोगे, खत्म कर दोगे। मैं यह दुकानदारों और स्मॉल और मीडियम बिजनेस की बात क्यों करता हूं, क्योंकि यह लोग ही देश को रोजगार देते हैं। मतलब पूरा सिस्टम जुड़ा हुआ है।
नोटबंदी और जीएसटी पर उठाए सवाल
राहुल ने कहा कि सरकार ने क्या किया? आठ बजे… नरेंद्र मोदी ने जी नोटबंदी की थी। फिर चार घंटे बाद 12 बजे जीएसटी लागू की थी। इनकी जो तपस्या है, उस तपस्या से चोरी की। यह पॉलिसी नहीं थी। यह मत सोचिए… जो छोटे दुकानदार हैं, वह मत सोचिए कि यह पॉलिसी थी। यह आपके कैश फ्लो को खत्म करने के हथियार थे। यह तो किसानों पर भी पॉलिसी थोपना चाहते थे। किसानों ने नहीं करने दिया। यह तीन-चार बड़े उद्योगपतियों के हथियार थे। यह उनके हथियार हैं।
हिंदुस्तान के तपस्वियों को दबाना चाहती है सरकार
राहुल ने कहा कि इनका लक्ष्य क्या है? हिंदुस्तान के तपस्वियों को दबाओ, कुचलो और उनके जेब में जो पैसा है, उसे छीनकर पांच-छह लोगों को दे दो। नुकसान देश का हो रहा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। मिल नहीं सकता क्योंकि आपने रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। नोटबंदी, जीएसटी और कोविड में जो किया, अरबपतियों का कर्जा माफ कर दिया, जिन्हें देना था उन्हें एक रुपया तक नहीं दिया। रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। इसे फिर से जोड़ना होगा, तब जाकर हिंदुस्तान को रोजगार मिलेगा।
प्रेस वालों पर पीछे लगाम लगी हुई है
राहुल ने कहा कि प्रेस की बात करता हूं। यह जो बैठे हैं, इनकी गलती नहीं है। यह बेचारे तपस्या करते हैं। पैदल नहीं चल रहे, पर ट्रक पर तो बैठे हैं। अस्सी दिन से बैठे हैं। इनकी तपस्या क्या है- सच्चाई को देखो, सच्चाई को समझो और देश की जनता को बताओ। यह करना चाहते हैं। यह देश को सच्चाई दिखाना चाहते हैं। यह लड़ते हैं। पीछे से लगाम लगी हुई है। लगाम किसके हाथ में है? जो लोग नरेंद्र मोदी जी की पूजा कर रहे हैं, उनके हाथ में है। यह हो रहा है देश में।
बीजेपी के लोग तपस्वियों का अपमान करते हैं
राहुल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग भगवान के सामने हाथ जोड़ते हैं। फिर जो इस देश में तपस्या करता है ,उसे खत्म करते हैं। भगवान का अपमान करते हैं। तपस्या ही भगवान है। हिंदुस्तान के किसान, मजदूर, मीडिया वालों के अंदर भगवान है। जब यह लोग देश की तपस्या से चोरी करते हैं तो यह देश के भविष्य को नुकसान पहुंचाते हैं। युवाओं को चोट पहुंचाते हैं। अगली पीढ़ी को चोट पहुंचाते हैं।
यह कांग्रेस की नहीं हिंदुस्तान की यात्रा है
राहुल ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की यात्रा नहीं है। हिंदुस्तान की यात्रा है। किसानों, माताओं-बहनों, प्रेस वालों की यात्रा है। लिख नहीं पा रहे हैं, पर है इनकी। बच्चों ने महीनों पैसे बचाकर पिगी बैंक दिया। कोई पानी दे रहा है। कोई पराठे दे रहा है। कोई अनाज दे रहा है। कोई घर से चाय ला रहा है। कोई चिट्ठी लिख रहा है कि मैं आपके साथ चल नहीं सकता हूं, पर मैं आपके साथ हूं। बहुत लोग हैं। इस प्यार के लिए आपकी मदद के लिए दिल से मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं। यह कभी मत भूलिए कि यह देश तपस्वियों का है।
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