नेशनल डॉक्टर्स डे – फोटो : अमर उजाला
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बस, टेम्पो या ई-रिक्शा के जरिए भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) के मुख्य द्वार तक पहुंचने वाले मरीजों को अब अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड ब्लॉक तक पैदल नहीं आना होगा। अस्पताल प्रशासन ऐसे मरीजों के लिए नि:शुल्क ई-रिक्शा सुविधा शुरू कर रहा है। मंगलवार से इसकी शुरूआत होगी।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने सोमवार को नेशनल डॉक्टर्स डे और बीएमएचआरसी के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। इस कार्यक्रम में शहर के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सेवानिवृत्त डॉ. पंकज शुक्ला मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। इस दौरान अस्पताल के सभी चिकित्सकों को सम्मानित किया गया तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया।
बुजुर्ग मरीजों को होती है परेशानी
कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा कि बस या सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों के जरिए काफी लोग बीएमएचआरसी पहुंचते हैं। इनमें बड़ी संख्या बुजुर्ग मरीजों की होती है। ओपीडी या इमरजेंसी वार्ड तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी पैदल चलना होता है। मरीजों की इस परेशानी को देखते हुए उनको मुख्य द्वार से अस्पताल परिसर तक के लिए 6 सीटों वाला ई-रिक्शा शुरू किया है, जो पूरी तरह निशुल्क होगा। यह रिक्शा सोमवार से शनिवार तक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अस्पताल के मेन गेट पर उपलब्ध रहेगा और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाएगा। उन्होंने बताया कि इस सेवा के लिए जिस एजेंसी के साथ करार किया, उसकी संचालक एक गैस पीड़ित हैं।
सही दिशा में अग्रसर है बीएमएचआरसी
डॉ. पंकज शुक्ला ने बीएमएचआरसी के सभी डॉक्टरों को नेशनल डॉक्टर्स डे पर बधाई दी और कहा कि इस बार नेशनल डॉक्टर्स डे 2024 की थीम है। हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स है, जो डॉक्टरों की अपने मरीजों के प्रति करुणा और समर्पण पर जोर देती है। आज डॉक्टर बड़ी से बड़ी बीमारी के मरीज को ठीक तो कर देते हैं, लेकिन अपनी व्यस्तता और तनाव के कारण उनसे भावनात्मक रिश्ता नहीं बना पाते।
बीएमएचआरसी प्रशासन द्वारा जरूरतमंद मरीजों के लिए ई-रिक्शा सुविधा उपलब्ध कराना केयरिंग हार्ट्स का एक अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि डॉ. मनीषा श्रीवास्तव के नेतृत्व में बीएमएचआरसी सही दिशा में अग्रसर है। अस्पताल में नई-नई सुविधाएं शुरू हो रही हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में एक बार फिर मरीजों को बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर इलाज उपलब्ध कराएगा।
पूरे साल प्रतिदिन होगी एक गतिविधि
डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि एक जुलाई 2000 को ही बीएमएचआरसी की शुरूआत हुई थी। अब संस्थान अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। मरीजों और आमलोगों की सेवा के लिए समर्पित करते हुए पूरे वर्ष प्रतिदिन कोई न कोई गतिविधि करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरूआत आज हमने डॉक्टर्स को सम्मनित करके और पौधारोपण करके की है। विभिन्न गतिविधियां कराने के लिए एक कैलेंडर बनाया जा रहा है। सभी विभागों को जिम्मेदारी दी जा रही है।