दमोह में विराजे आठ भुजाओं वाले गणेश – फोटो : अमर उजाला
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दमोह जिले में भगवान गणेश की अनेक प्राचीन प्रतिमाएं हैं, जो अपने आप में दुर्लभ हैं। जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के तेजगढ़ गांव में प्रदेश की इकलौती भगवान गणेश की अष्टभुजाओं वाली प्रतिमा स्थापित है। यह प्रतिमा 500 से 700 वर्ष प्राचीन बताई जाती है। कहा जाता है कि भगवान गणेश की प्रतिमा जमीन से निकली थी।
जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर ग्राम तेजगढ़ में गुरैया नदी के किनारे यह प्रतिमा विराजमान है। जहां प्रतिदिन भगवान का पूजन करने श्रद्धालु आते हैं। स्थानीय लोगों और प्रबुद्धजनों ने बताया कि यह प्रतिमा जमीन के नीचे से सात सौ वर्ष पूर्व निकली थी, जिसके बारे में उनके बुजुर्गों द्वारा बताया गया है।
तेजगढ़ निवासी महेंद्र दीक्षित ने बताया कि 500 से 700 वर्ष पूर्व बना मंदिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। 2013 में ग्रामीणों ने समिति बनाई और मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू कराया। ग्रामीणों ने दान देकर 2013 में मंदिर का जीर्णोद्धार पूर्ण कराया और 2017 में एक बहुत बड़ा यज्ञ हुआ था, जिसके बाद मंदिर का उद्घाटन हुआ था। मंदिर में गर्भगृह भी बनाया गया।
इस तरह से हुई गणेश प्रतिमा की स्थापना
तेजगढ़ क्षेत्र में 700 वर्ष के पहले तक आसपास के किसी भी गांव में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना नहीं होती थी। सभी गांव के लोग इसी मंदिर में आकर भगवान गणेश की पूजा, अर्चना करते थे, लेकिन धीरे- धीरे इसी मंदिर के बाद गांव में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होनी शुरू हुई और अब घर-घर प्रतिमा स्थापित होने लगी है। आज भी अष्टभुजा भगवान गणेश मंदिर की प्रतिष्ठा वैसी ही है जैसी पूर्व में थी। स्थापना के समय यहां पर विशेष पूजा अर्चना होती है। दूर-दूर से लोग भगवान गणेश की इस दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन करने आते हैं।