Damoh: सिंग्रामपुर में जल संरक्षण के लिए बनाई गई नहरें क्षतिग्रस्त, 500 फीट नीचे चला गया वाटर लेबल

नहर देखते हुए लोग – फोटो : अमर उजाला

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दमोह जिले में जबेरा तहसील के सिंग्रामपुर में पांच दशक पहले जल संरक्षण एवं किसानों के खेतों पर पानी पहुंचाने के लिए रेगुलेटर डैम व नहरों का निर्माण किया गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में आज नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और स्टाप डैम जमींदोज है। आज क्षेत्र का वाटर लेबल 500 फीट नीचे चला गया है।

बता दें कि जिस समय इसका निर्माण हुआ, जिससे जल संरक्षण के साथ-साथ वाटर लेवल मेंटेन रहता था और किसानों को नहरों के माध्यम सिंचाई के लिए जल खेतों तक पहुंचता था। लेकिन स्टॉप डैम क्षतिग्रस्त और नहरों का अस्त्तिव खत्म है। नतीजन सिंग्रामपुर सहित आसपास के गांव का का वाटर लेवल 500 फीट नीचे खिसक गया है, जिससे आमजन और किसान जल संकट से परेशान है।

बरसाती नाले पर हुआ था निर्माण

ग्रामवासियों ने बताया, 50 साल पहले गांव के पास से निकले बरसाती नाले पर एक डैम बनाया गया था। जो देखरेख के अभाव में जमींदोज हो गया है और सिंचाई के लिए बनी नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उनका अस्तित्व ही खत्म हो गया है, जिससे भूमिगत जलस्तर में आई भरी गिरावट से जल स्रोतों में 500 फीट की गहराई में जल नहीं होने से वर्ष के 8 माह जलसंकट की स्तिथि बनी रहती है। इसके अलावा नहरों के क्षतिग्रस्त होने पर किसानों के खेतों तक नहरों से पानी नहीं पहुंच पाता, जिससे आमजन और किसान दोनों परेशान रहते हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि एक समय बरसाती नाले का पानी डैम नहर के माध्यम से मोटे हार में भरा रहता था और पांच गांव का वाटर लेवल कभी नहीं गिरता था। सिंग्रामपुर, सहसना, रामसलैया, थनेटा, हरदुआ गांव में बारिश के पानी से वाटर लेवल एक सा बना रहता था और पानी की दिक्कत नहीं होती थी। लेकिन वर्षों से स्टॉप डैम व नहरें क्षतिग्रस्त होने से आमजन और किसानों के सामने पानी का संकट बना हुआ है।

सिंग्रामपुर निवासी रमेश राय ने बताया, रेगुलेटर डैम 50 वर्ष पुराना है। 4 माह की बारिश से रेग्युलेटर डैम जहां जल का संग्रह होता था, उससे सिंग्रामपुर और आसपास के 5 गांव का वाटर लेवल बना रहता था और गांव में मई, जून माह में भी 40 से 50 फीट पर पानी बना रहता था।लेकिन आज की स्थिति सरकारी बोर 500 फीट गहरा होने के वावजूद पानी नहीं है। क्योंकि वाटर लेवल बनाए रखने के लिए कोई जल स्रोत नहीं है।

एक मात्र नाले पर बना रेगुलेटर डैम का सहारा था, जो की वर्षों से क्षतिग्रस्त होने से बारिश का पानी नहीं रुकता है। ग्रामीण इंद्र कुमार शुक्ला ने बताया, रेगुलेटर डैम पर बनी नहर का अस्तित्व खत्म हो गया है। इसके पुनर्निर्माण की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के संस्कृति पर्यटन राज्य मंत्री एवं जबेरा विधायक धर्मेंद्र सिंह को ज्ञापन देकर मांग की गई है। नाले पर बने रेगुलेटर डैम का पुन: निर्माण एवं नहरों की मरम्मत कराई जाए। सिंग्रामपुर सहित आसपास के गांव में पानी की कभी समस्या नहीं होगी और यहां का किसान और आमजन सुखी हो जाएगा। इस समस्या को देखकर राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह के द्वारा आश्वासन दिया गया है। ग्रामीणों की मांग शीघ्र पूर्ण की जाएगी।

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