पुलिस और पीड़ित – फोटो : अमर उजाला
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दमोह जिले में देहात थाना के बांसा तारखेड़ा गांव में सोमवार सुबह हुई तीन हत्याओं के मामले में पुलिस ने दमोह के बिल्डर रॉकी सुरेखा और उसके मैनेजर मोनू प्रजापति को भी आरोपी बनाते हुए मामला दर्ज किया है। दमोह एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों मुख्य आरोपियों ने यह खुलासा किया है कि हत्याकांड में उपयोग की गई पिस्टल, कंपनी की बाइक और कुछ पैसे रॉकी सुरेखा और उनके मैनेजर मोनू प्रजापति ने मुहैया कराए थे। इसके बाद बुधवार रात पुलिस ने आरोपी रॉकी सुरेखा और मोनू प्रजापति की गिरफ्तारी के लिए उनके ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह फरार हो चुके हैं। पुलिस की कई टीमें आरोपियों को तलाश में जुटी हैं।
बता दें कि सोमवार को बांसा तारखेड़ा गांव में होमगार्ड सैनिक रमेश विश्वकर्मा उनके बेटे उमेश विश्वकर्मा और भतीजे विक्की विश्वकर्मा की आरोपी राजा विश्वकर्मा, गोलू विश्वकर्मा और सजल विश्वकर्मा ने गोलियां मार कर हत्या कर दी थी। आरोपी घटना के बाद फरार हो गए थे। पुलिस ने एक दिन बाद मंगलवार को हत्याकांड से जुड़े दो आरोपियों को और एक आरोपी राजेंद्र विश्वकर्मा षड्यंत्र के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। हत्याकांड से जुड़ा एक आरोपी सजल विश्वकर्मा अभी भी फरार है।
मामले में मृतक के परिजनों का आरोप था कि इस पूरे हत्याकांड में बिल्डर रॉकी सुरेखा का हाथ है। जब परिजनों ने दमोह सागर स्टेट हाइवे पर जाम लगाया था, तब भी उनकी मांग यही थी बिल्डर रॉकी सुरेखा पर मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। क्योंकि उसने ही इस हत्याकांड के लिए हथियार सप्लाई किए हैं।
इसके बाद पुलिस ने जानकारी जुटाना शुरू किया। पकड़े गए दोनों मुख्य आरोपियों ने भी इस बात को कबूल किया है कि आरोपी बिल्डर रॉकी सुरेखा और उनके मैनेजर मोनू प्रजापति ने हथियार, पैसे और बाइक उपलब्ध कराई थी। इसके बाद रॉकी और उसके मैनेजर प्रजापति पर हत्या में षड्यंत्र रचने की धारा-120 बी के तहत आरोपी बनाया गया है। हालांकि, आरोपी फरार हो चुके हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। वहीं इस मामले में लापरवाही बरतने पर सागर नाका चौकी प्रभारी और विवेचक को लाइन अटैच किया गया है।