इंदौर उज्जैन टोल नाका। – फोटो : सोशल मीडिया
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इंदौर -उज्जैन रोड पर बीते कुछ दिनों से रोज स्कूल व काॅलेज की स्कूल बसों की एंट्री को लेकर विवाद हो रहे है। टोल टैक्स कर्मचारी कर्मशियल वाहनों के हिसाब से टैक्स मांग रहे है। शुक्रवार को शिशुकुंज के नार्थ कैम्पस की 50 बसें टोल नाके पर आधे घंटे तक रोक दी।
नाके पर बस रोके जाने के कारण बसों में सवार स्कूली बच्चे परेशान होते रहे। स्कूल प्रबंधन ने बाणगंगा और सांवेर थाने में टोल टैक्स कर्मचारियों की लिखित शिकायत की है। इस मामले में टोल मैनेजर प्रतीक कसेरा पर केस दर्ज किया गया है।
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि शासन के नियम है कि टोल टैक्स से चार किलोमीटर के दायरे में जो भी संस्थान आते है। उनसे टैक्स नहीं लिया जाता है। हमारी स्कूल बसें दिन में चार बार टोल नाके से गुजरती है। पहले जो समूह टोल नाका संचालित करता था। तब बसों के पास बनाए गए थे, लेकिन अब टोल संचालक पास बनाने के लिए तैयार नहीं है। स्कूल बसे कर्मशियल गतिविधि में नहीं आती,लेकिन स्कूल व शैक्षणिक संस्थानों से कर्मशियल वाहनों के हिसाब से टैक्स मांगा जा रहा है, जो कि गलत है।
कई शैक्षणिक संस्थान हो रहे परेशान, नाके पर बाउंसर तैनात
इंदौर-उज्जैन रोड पर कई स्कूल और काॅलेज परेशान हो रहे है। टोल संचालक के मनमाने तरीके से वे सभी परेशान है और लामबंद होकर विरोध किया जा रहा है। टोल नाके पर सप्ताह भर से बाउंसर तैनात किए गए है।
वे बस मेें सवार स्कूल बस स्टाॅफ से बदसलूकी करते है। टोल संचालक प का कहना है कि स्कूल संचालक भी कर्मशियल गतिविधियां संचालित करते है तो उन्हें टोल टैैक्स भी देना चाहिए।