गोवंश अवशेष – फोटो : अमर उजाला
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जबलपुर के कटंगी पहाड़ पर 50 से ज्यादा गोवंश मामले में प्रशासनिक जांच में अहम खुलासा हुआ है। पशु चिकित्सक, एसडीएम, एसडीओपी, सीएमएचओ और अन्य अधिकारियों की जांच कमेटी ने खुलासा किया है कि सिर्फ पांच शव ही गोवंश के हैं। शेष अन्य जानवरों के हैं और जितने भी शव मिले हैं, वह एक से डेढ़ महीने पुराने साथ ही कुछ शव तो सालों पुराने हैं।
इधर, पुलिस ने पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही जांच आगे बढ़ाने की बात कही है। मालूम हो कि जबलपुर के कटंगी क्षेत्र में 23 जून को गोवंश का शव मिला था। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस इस मामले की जांच कर ही रही थी कि बुधवार को एक बार फिर 50 से ज्यादा गोवंश के कटे हुए सिर और अंग पड़े मिले होने की जानकारी लगी। स्थानीय चरवाहा ने बुधवार दोपहर अपनी गायों को लेकर कटंगी क्षेत्र से लगे पहाड़ पर गया था। यहां उसने बड़ी संख्या में गोवंश के सिर और शरीर के अवशेष पड़े हुए देखे।
मामले की जानकारी लगते ही बजरंग दल और हिंदू संगठन के कार्यकर्ता पहाड़ पर पहुंचे और अवशेषों को इकट्ठा किया। कुछ गोवंश के सिर तो ऐसे थे, जो एक-दो दिन पुराने लग रहे थे। इनका वेटरनरी डॉक्टरों ने पीएम किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि अवशेषों में पांच ही गोवंश के हैं। बाकी अन्य जानवरों के और उक्त अवशेष दो महीने से लेकर कई साल पुराने हैं।
जांच में यह हुआ खुलासा
प्राप्त अवशेष अनुसार, मृत जानवरों की कुल संख्या 57 है। अवशेष डेढ़-दो महीने से लेकर सवा दो वर्ष तक पुराने हैं। प्राप्त अवशेष में अधिकतम पांच ही गोवंश के हैं। तीन पसली अवशेष को देखकर यह प्रतीत होता है कि उन्हें धारदार हथियार से काटा गया है। परन्तु यह स्पष्ट नहीं होता है कि उक्त पसली गोवंश की है।
पशु स्कल के संबंध में प्रथम दृष्टया यह प्रतीत नहीं होता है कि उन्हें मारा गया है। यह साक्ष्य नहीं मिले हैं कि मौका स्थल पर जानवरों को अवैध ढंग से काटा जाता रहा है। यह साक्ष्य भी नहीं मिले हैं कि वहीं मृत जानवरों को लाकर फेंका जाता रहा है। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में पालतू एवं जंगली जानवर विचरण करते हैं। दुर्घटना या सामान्य मृत्यु होने पर शव वहीं पड़े रहते हैं, जो कालान्तर में अवशेष में परिवर्तित हो जाते हैं। प्रकरण में पुलिस द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। विस्तृत छानबीन और साक्ष्य के आधार पर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।