कांग्रेस कार्यालय – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश भाजपा ने दूसरी सीटों हारी 36 और जीती तीन सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है। इसमें तीन केंद्रीय मंत्री, चार सांसद के साथ ही कैलाश विजयवर्गी को टिकट देकर चौंका दिया है। इस सूची को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर तंज किया है। एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा की दूसरी लिस्ट ने सच बताया। भाजपा अब तक की सबसे करारी हार के मुहाने पर है।
पीसीसी चीफ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी की आज की प्रत्याशी की सूची ने शिवराज और महाराज दोनों के राजनीतिक कैरियर पर पूर्णविराम लगा दिया है। वहीं, वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा के लिए राजनैतिक वनवास का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के पतन की खबरें अब आम हो चली है। सभी सर्वे और सभी सियासी समीकरण अभी तक बीजेपी की हार की भविष्यवाणी तो कर रहे थे लेकिन सबके मन में एक संशय जरूर था कि शायद भाजपा अंतिम क्षणों में कोई करिश्मा कर जाय, लेकिन भाजपा के प्रत्याशियों की दूसरी सूची ने यह बता दिया कि मध्यप्रदेश में भाजपा अब अंत की ओर अग्रसर है।
नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर उतारने के अलावा भाजपा ने सबको उतार दिया है। केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा चुनाव का टिकट देना है यह साबित कर रहा है कि भाजपा करारी हार को भांप चुकी है। किसी भी राज्य के चुनाव में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब 18 साल तक शासन करने वाला सत्तारूढ़ दल का नेता अपना मुंह छुपा रहा है। प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृहमंत्री खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करने का छल कर रहे हैं, और जनता भाजपा को इस रूप में देखकर अपनी ताकत से गदगद है।
कांग्रेस की तरफ से लिखा गया कि आज की सूची में भाजपा का पतन तो दिख ही रहा है, लेकिन एक बात और भी दिख रही है कि 28 विधायकों को बेच कर अपने लिए दिल्ली में एक बंगला, राज्यसभा की सीट और मंत्री पद खरीदने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए भी अब भारतीय राजनीति में लगभग कोई स्थान नहीं बचा है। सिंधिया अब भारतीय राजनीति के छिलके और गुठली के सिवा कुछ नहीं बचे। मध्य प्रदेश की जनता को आज से ही अपनी जीत और बीजेपी की करारी हार का एहसास हो चुका है। बीजेपी ने आज प्रत्याशियों की जो सूची जारी की है वो बीजेपी के आत्म समर्पण के सिवा कुछ नहीं है।
अब यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी यदि 50 सीटों का आंकड़ा भी पार कर ले तो भी उसके लिए बहुत बेहतर स्थिति कही जाएगी। यह चुनाव मध्यप्रदेश की जनता की सबसे बड़ी जीत और बीजेपी की सबसे बड़ी हार के रूप में भारतीय राजनीति में याद रखा जायेगा।