मध्य प्रदेश भाजपा कार्यालय। – फोटो : अमर उजाला
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लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान कमजोर प्रदर्शन करने वाले बूथ मजबूत करने की रणनीति पर भाजपा ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए हार वाले बूथों पर कार्यसमिति बैठक की जाएंगी। 15 जुलाई तक होने वाली मंडल स्तर की इन बैठकों में क्षेत्रीय विधायक और सांसद को अनिवार्य रूप से शामिल रहने के लिए कहा गया है।
जीत दर जीत के बाद भी भाजपा प्रदेश में अपनी मजबूत स्थिति को निरंतर रखने की दिशा में आगे बढ़ हुई है। इसी कड़ी में पार्टी ने प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों के उन बूथों पर नजर दौड़ाना शुरू किया है, जिन पर उसे लोकसभा और उससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस स्थिति को देखते हुए सभी जिलों में कार्यसमिति की बैठके होंगी। बताया जा रहा है कि यह बैठकें 10 से 15 जुलाई तक मंडल स्तर पर होगी। इस दौरान चुनावों में जिन बूथों पर भाजपा को हार मिली है, उन बूथों पर नेताओं का खास फोकस रहेगा। इसके लिए मध्य प्रदेश में भाजपा बूथवार आयोजन करवाएगी। इन बैठकों में विधायक और सांसद अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। भाजपा सूत्रों ने बताया कि इन कार्यक्रमों के दौरान 28 जुलाई को सभी बूथों पर मन की बात कार्यक्रम भी सुना जाएगा।
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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट