MP Election: सिंधिया समर्थक जसवंत जाटव का क्यों कटा टिकट? ‘महाराज’ के वफादर पर भारी पड़ गईं ये गलतियां

जसवंत जाटव – फोटो : अमर उजाला

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शिवपुरी के करैरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक रमेश खटीक को अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी। इस सूची में शिवपुरी की करैरा विधानसभा सीट का नाम भी शामिल है। इस सीट से रमेश खटीक को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले इस सीट पर साल 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जसवंत जाटव चुनाव लड़े थे।

बता दें कि सिंधिया समर्थक जसवंत जाटव चुनाव जीतने के बाद साल 2020 में हुए दल-बदल के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आ गए। इस दल-बदल के बाद करैरा सीट पर जो उपचुनाव हुआ, उसमें बीजेपी ने जसमंत जाटव को अपना उम्मीदवार बनाया। लेकिन इस चुनाव में जसवंत जाटव बुरी तरह हारे।

उपचुनाव में बुरी तरह हारे जसवंत

उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रगीलाल जाटव ने भाजपा उम्मीदवार जसमंत जाटव को 30,641 मतों से बुरी तरह हरा दिया। इतने अधिक मतों से हारने के कारण ऐसा शुरू से माना जा रहा था कि सिंधिया समर्थक नेता जसवंत जाटव को इस बार भाजपा अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगी। इसके अलावा सूत्रों ने बताया है कि पार्टी के सर्वे में भी उनके बारे में नेगेटिव फीडबैक था, जिसके कारण सिंधिया समर्थक जसवंत जाटव को टिकट देने की बजाय भाजपा ने करैरा से वर्ष 2008 में विधायक रहे रमेश खटीक को मैदान में उतारा है।

कार्यकर्ताओं से ज्यादा अच्छा तालमेल नहीं

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए करैरा के पूर्व विधायक जसमंत जाटव का स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से ज्यादा अच्छा तालमेल नहीं। इस तरह का फीडबैक भी पार्टी के पास था। सूत्रों ने बताया है कि करैरा उपचुनाव में हार का बड़ा अंतर और उनकी जाति के जाटव समाज के वोट भी उन्हें उपचुनाव के दौरान नहीं मिले थे। इसलिए पार्टी दोबारा से उन पर दांव लगाना नहीं चाहती थी। अब पुराने विधायक रमेश खटीक पर ही भाजपा ने दांव लगाया है।


पहले बगावत कर चुके हैं रमेश खटीक

भाजपा ने जिन रमेश खटीक को अपना उम्मीदवार बनाया है वह वर्ष 2018 में पार्टी छोड़कर सपाक्स पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं। सपाक्स से चुनाव लड़ने के दौरान उन्हें 9098 वोट मिले थे। वर्ष 2018 के चुनाव के दौरान रमेश खटीक भी भाजपा से टिकट के दावेदार थे। लेकिन भाजपा ने इन्हें टिकट देने की बजाय राजकुमार खटीक को टिकट दिया था। राजकुमार खटीक को टिकट मिलने से नाराज होकर रमेश खटीक ने सपाक्स पार्टी से अपना परिचय दाखिल करके चुनाव लड़ा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे।

लगातार तीन चुनाव हार चुकी है भाजपा

करैरा विधानसभा सीट पर भाजपा को वर्ष 2013 और 2018 के चुनाव में हार मिल चुकी है। वर्ष 2013 में कांग्रेस की शकुंतला खटीक यहां से चुनाव जीती थी। इसके बाद वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस के जसमंत जाटव चुनाव जीते। इसके बाद वर्ष 2020 में जब उपचुनाव हुआ तो इस उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इस तरह से तीन चुनाव भाजपा यहां पर हार चुकी है।

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