MP Election 2023: भाजपा की दूसरी सूची का विरोध हुआ मुखर, टिकट कटने के बाद दावेदारों ने दिखाए बगावती तेवर

बाएं ओर रत्नाकर चतुर्वेदी, दाएं ओर अरविंद पटेरिया – फोटो : अमर उजाला

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सोमवार को भाजपा ने दूसरी लिस्ट जारी की है। इसमें कई चौंकाने वाले नाम है। भारतीय जनता पार्टी ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। सतना से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया गया है। गणेश सिंह का नाम सामने आते ही सतना में भाजपा में बगावत का बिगुल बज चुका है। गणेश सिंह का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा उम्मीदवारों की दौड़ में चल रहे एक नेता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

टिकट कटने से नाराज रत्नाकर चतुर्वेदी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे

सूत्रों के मुताबिक रत्नाकर चतुर्वेदी टिकट की दौड़ में शामिल थे। सर्वे में जिन तीन दावेदारों का नाम शामिल था, उनमें रत्नाकर का नाम भी शामिल था। भाजपा नेता रत्नाकर चतुर्वेदी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। उन्होंने वीडियो जारी कर सांसद गणेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में कई केंद्रीय नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। इसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद रीति पाठक और सतना सांसद गणेश सिंह का नाम शामिल है। गणेश सिंह ने विधानसभा उम्मीदवार चुने जाने पर पार्टी का आभार जताया है और कहा कि समय-समय पर पार्टी हर कार्यकर्ता की भूमिका शुरू से तय करती आ रही है।

गणेश सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद रत्नाकर चतुर्वेदी ने पार्टी और सांसद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल में कोई मैदान में नहीं आया, उन्होंने लोगों की सेवा की। रत्नाकर चतुर्वेदी ने दुख जताते हुए कहा, ‘मेरी मेहनत का पार्टी ने मुझे ये फल दिया है, उसका तहे दिल से शुक्रिया। अगर जनता की इच्छा होगी तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा। भाजपा से बगावत करने वाले रत्नाकर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के रिश्तेदार हैं। रत्नाकर भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष भी रहे हैं। ये सहकारी बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। रत्नाकर के पिता कमलाकर चतुर्वेदी भी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय तक केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन रहे हैं। बता दें कि रत्नाकर को आरक्षक के साथ मारपीट करने के आरोप में एक साल की सजा हो चुकी है।

छतरपुर में अरविंद पटेरिया का विरोध

वहीं, छतरपुर में राजनगर से अरविंद पटेरिया वीडी शर्मा के बहुत करीबी माने जाते हैं। अरविंद पटैरिया को टिकट मिलने का पूरा श्रेय वीडी शर्मा को जाता है। ऐसे में अगर अरविंद चुनाव हारते हैं तो उसमें वीडी शर्मा की छवि खराब हो सकती है। यहां से दो प्रबल और भाजपा के वरिष्ठ दावेदार थे, जिनमें से एक वर्तमान जिला अध्यक्ष मलखान सिंह तो वहीं दूसरे पूर्व जिला अध्यक्ष घासीराम पटेल टिकट की दौड़ में जोर शोर से लगे हुए थे।

अब इन्हें टिकट न मिलने से यह अंदर खाने विरोध में जा सकता है। जिसका खामियाज़ा पार्टी प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता है। वहीं, अरविंद पटेरिया का विरोध भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शुरू कर दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश पांडे का कहना है कि बाहरी प्रत्याशी नहीं स्थानीय प्रत्याशी चाहिए।

सीधी में पहला विकेट गिरा

दूसरी सूची जारी होने के बाद ऐसे ही हालात सीधी जिले में भी हैं। यहां अपनी दावेदारी ठोक रहे  डॉ.राजेश मिश्रा ने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य पद से त्यागपत्र दे दिया है।

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