मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर – फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के जल स्रोत के संरक्षण को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश में मौजूदा जल स्त्रोत की संख्या और उनकी स्थिति के संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये थे। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शील नागू तथा जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ के समक्ष रिपोर्ट पेश की। युगलपीठ सरकार की तरफ से पेश की गयी रिपोर्ट सभी पक्षकारों को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये।
गौरतलब है कि जबलपुर स्थित माढोताल तालाब में अतिक्रमण सहित शहर के अन्य तालाब में अतिक्रमण व उनके संरक्षण की मांग करते हुए हाईकोर्ट में नौ याचिकाएं दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने संज्ञान याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश की गयी स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया था कि माढोताल तालाब को अतिक्रमण मुक्त करने कार्यवाही की जा रही है और आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी। हाईकोर्ट में सुनवाई के कहा था कि प्रदेश में स्थित जल स्त्रोत में अतिक्रमण तथा उनकी जमीन का उपयोग अन्य प्रयोजन के लिए करने शिकायत व याचिकाएं दायर हो रही है। व्यापक जनहित में सरकार को प्रदेश के जल स्त्रोत की जानकारी सरकार को न्यायालय में पेश करना चाहिए। जल स्त्रोत का वास्तविक रूप बरकरार रहे, यह सुनिश्चित किया जाये।
याचिका की सुनवाई के दौरान सोमवार को सरकार की तरफ से रिपोर्ट पेश की गयी। युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी करते हुए याचिकाओं पर अगली सुनवाई चार जुलाई को निर्धारित की है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता परितोष गुप्ता, बीके पाठक ने पैरवी की
MP High Court Government presented water resource conservation report HC directed to give copy to all parties