कैंसर का सफल ऑपरेशन – फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश में मंदसौर के जिला अस्पताल को बने 63 साल का समय पूरा हो गया। लेकिन अभी तक यहां मरीजों को कैंसर जैसी जटिल बीमारियों का उच्च स्तरीय इलाज नहीं मिल पा रहा था। अब यहां पर सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज शुरू किया गया है। मेडिकल कॉलेज की खुद की बिल्डिंग नहीं होने की वजह से इसे जिला अस्पताल में मर्ज किया गया है।
सुंदरलाल पटवा चिकित्सा महाविद्यालय के नाम से मेडिकल कॉलेज की सौगात मंदसौर वासियों को मिली है। इसे अभी चार साल तक जिला अस्पताल में संचालित किया जाएगा, जिसका लाभ यहां के मरीज को मिलेगा। मरीजों को अब बाहर रेफर नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में एक 80 वर्षीय महिला की जटिल कैंसर की सर्जरी की गई है। यह कैंसर मरीज की यहां की पहली सर्जरी है।
चार घंटे तक चला ऑपरेशन, छह साल से परेशान थी महिला
मेडिकल कॉलेज सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. ईशान चौरसिया ने बताया कि 80 साल की बुजुर्ग महिला पैर में गठान के समस्या के साथ आई थी। मरीज को यह समस्या पिछले छह साल से थी। मरीज की एमआरआई जांच से यह पता चला कि मरीज को दाए पैर में सार्कोमा है, जो की हड्डियों और मांसपेशियों का दुर्लभ कैंसर है। इसके बाद महिला का ऑपरेशन करने की तैयारी की गई। डीन डॉ. शशि गांधी तथा चिकित्सालय के प्रभारी अधीक्षक एवं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. डीके शर्मा द्वारा तुरंत मरीज के ऑपरेशन के लिए लगने वाले सामान की व्यवस्था करवाई।
ऑपरेशन करने वाली टीम में सर्जरी विभाग के डॉ. ईशांत कुमार चौरसिया सह प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष तथा डॉ. अजय पाटीदार सहायक प्राध्यापक ने मरीज का जटिल ऑपरेशन किया। चार घंटे तक चले जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। ऑपरेशन के लिए बेहोशी विभाग के डॉ. डीके पिप्पल एवं डॉ. पीसी आर्य ने किया। ऑपरेशन के लिए मरीज की फिटनेस करवाने तथा ऑपरेशन के दौरान बेहोशी देने में बेहोशी विभाग के दोनों वरिष्ठ चिकित्सकों का सहयोग तथा सर्जरी विभाग की मेहनत से मरीज 4-5 दिन में ही पूर्ण स्वस्थ होकर अपने पैरों पर चल कर घर जा सकेगी।
470 बेड का है अस्पताल, इसी सत्र में शुरू होगी मेडिकल की पढ़ाई
गौरतलब है कि मंदसौर जिला अस्पताल 470 बिस्तरों का है। यहां पर लगभग सभी सुविधा उपलब्ध है। यही वजह है कि मेडिकल कॉलेज को इस अस्पताल के साथ मर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, इसी सत्र से यहां मेडिकल की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी। पहले सत्र में 100 सीटों पर एडमिशन दिया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में पांच नए मेडिकल कॉलेज शुरू किया जा रहे हैं। तीन मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र से एडमिशन भी किए जाएंगे। वहीं, दो मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं नहीं होने की वजह से अभी उन्हें एडमिशन प्रक्रिया के लिए इंतजार करना होगा।