बैठक में हंगामा करते विधायक। – फोटो : अमर उजाला
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जिला पंचायत सभा कक्ष में गुरुवार को सामान्य सभा की बैठक के दौरान हंगामा हो गया। जिला पंचायत सीईओ के बुलाने पर पहुंचे कांग्रेसी विधायकों को मीटिंग हॉल में बैठने के लिए कुर्सियां नहीं रखी गईं। इससे नाराज होकर टीकमगढ़ और खरगापुर विधायक ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
टीकमगढ़ जिला पंचायत के सभा कक्ष में गुरुवार की दोपहर बैठक का आयोजन किया गया। इसमें शामिल होने के लिए खरगापुर और टीकमगढ़ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक पहुंचे थे। इस दौरान कांग्रेसी विधायकों की जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह से नोकझोंक हो हुई। विधायकों ने इस बात को लेकर विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाने की चेतावनी दी है।
दरअसल, जिला पंचायत दफ्तर में दोपहर दो बजे से सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई। जिला पंचायत सीईओ नवनीत धुर्वे ने टीकमगढ़ विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला और खरगापुर विधायक चंदा सिंह गौर को बैठक का एजेंडा भेजकर आमंत्रित किया था। दोनों विधायक तय समय पर मीटिंग हॉल में पहुंच गए, लेकिन बैठक कक्ष में रखी कुर्सी पर विधायकों की पट्टी नहीं लगाई गई। इस बात को लेकर दोनों कांग्रेसी विधायक भड़क गए। उन्होंने जिला पंचायत सीईओ से कहा कि बैठक में आमंत्रित करने के बाद बैठने की सही व्यवस्था क्यों नहीं की गई। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह और विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला के बीच विवाद होने लगा। मामला बिगड़ता देख दोनों कांग्रेसी विधायक बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल गए।
विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकले कांग्रेसी विधायक यादवेंद्र सिंह बुंदेला ने कहा कि जिला पंचायत सीईओ के बुलावे पर बैठक में आए थे। सभा कक्ष में हमारे बैठने का इंतजाम नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाएंगे। अधिकारियों को बताएंगे कि विधायक की बेज्जती क्या होती है, क्योंकि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बुलाकर वहां पर बैठने की व्यवस्था नहीं की। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष ने विधायकों के साथ बदतमीजी पेश की।