मंछामन गणेश मंदिर – फोटो : अमर उजाला
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उज्जैन के गऊघाट क्षेत्र में स्थित मंछामन गणेश मंदिर मंदिर अति प्राचीन है। जिसकी छत में गणेश यंत्र स्थापित है। इस कारण सिद्ध विनायक हैं। यहां गणेशजी से संबंधित सभी अनुष्ठान किए जाते हैं। मंदिर के पुजारी आशुतोष के अनुसार मंदिर में करीब एक हजार साल पुरानी परमार कालीन प्रतिमा है।
गर्भगृह भी इतना ही पुराना है। बाहरी स्ट्रक्चर मराठा कालीन स्थापत्य का है। इसके आगे सूर्य कुंड है, जिसमें सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें सीधे प्रतिमा पर परावर्तित होती है। इससे यह भी पता चलता है कि यह कालगणना का केंद्र भी रहा होगा।
इसी क्षेत्र में राजा जयसिंह ने वेधशाला भी बनवाई है, जहां से पंचांग का प्रकाशन होता है। मंदिर का स्ट्रक्चर, मूर्ति की स्थापना आदि से प्रतीत होता है कि यह अकेला मंदिर है जो विज्ञान पर आधारित है। कुंड के भग्नावशेष बताते हैं कि यहां भी एक हजार साल पुरानी प्रतिमाएं रही हैं। वर्तमान में मंदिर के आसपास कॉलोनी बन जाने से यह मंदिर कालोनी के बीच में आ गया है।